पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज- जस्टिस आयशा मलिक: पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज के तौर पर जस्टिस आयशा मलिक को नियुक्त किया गया है।
लाहौर हाई कोर्ट की जज आयशा मलिक (Ayesha Malik) को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत करने की हाई पावर पैनल की मंजूरी के बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज की नियुक्ति के करीब पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद (Gulzar Ahmed) की अध्यक्षता में पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने मलिक की पदोन्नति को चार के मुकाबले पांच मतों के बहुमत से मंजूरी दे दी।
- भारत ने अपने नाम यह उपलब्धि 1989 में ही हासिल कर ली थी। जस्टिस फातिमा बीबी भारत के सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली महिला जज थीं।
- यह दूसरी बार है जब जेसीपी ने न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति पर निर्णय लेने के लिए बैठक की। जस्टिस मलिक का नाम पहली बार पिछले साल 9 सितंबर को जेसीपी के सामने आया था, लेकिन पैनल समान रूप से विभाजित हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप उनकी उम्मीदवारी को खारिज कर दिया गया था।
जस्टिस आयशा मलिक के बारे
- जस्टिस आयशा मलिक लाहौर के मशहूर पाकिस्तान कॉलेज ऑफ लॉ से एलएलबी की डिग्री ली है. उनकी स्कूली शिक्षा पेरिस, न्यूयॉर्क और कराची में हुई है।
- सुप्रीम कोर्ट की जज नियुक्त किए जाने से पहले उन्होंने लाहौर हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दी हैं।
- जनवरी 2021 में उन्होंने पाकिस्तान में रेप मामलों की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले विवादित ‘two-finger’ वर्जिनिटी टेस्ट को रद्द करने का ऐतिहासिक निर्णय दिया था।
- जस्टिस आयशा मलिक 2012 में लाहौर उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले एक प्रमुख कॉर्पोरेट वाणिज्यिक कानून फर्म में भागीदार थीं. आयशा 55 साल की हैं. उनका जन्म 1966 में हुआ था।