राजस्थान का सौर ऊर्जा क्षमता में देश में प्रथम स्थान

सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की । यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन (पेड़-पौधे और जीव-जन्तु) का सहारा है।वैसे तो सौर उर्जा को विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की ऊर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है।

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राज्य सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों से राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बन गया है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की ओर से हाल ही जारी एक रिपोर्ट में राजस्थान 7737.95 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता के साथ कर्नाटक को पीछे छोड़ते हुए देश में पहले पायदान पर आ गया है।

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  • कोविड की विषम परिस्थितियों के बावजूद विगत मात्र आठ माह में ही राजस्थान में 2348.47 मेगावाट नई सौर ऊर्जा की क्षमता स्थापित की गई है। इस अवधि में रिकॉर्ड 10 हजार करोड़ रूपए का निवेश इस क्षेत्र में हुआ है।
  • राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति-2019 तथा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 (रिप्स) में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए।
  • ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने की दिशा में राज्य की सौर ऊर्जा नीति-2019 निवेशकों के लिए काफी महत्वपूर्ण रही है।
  • राजस्थान ने वर्ष 2021 में सौर ऊर्जा के ग्राउण्ड माउन्ट, रूफ टॉप और ऑफ ग्रिड सहित सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की है।

सौर ऊर्जा क्षमता में राज्यों की स्थिति:

क्र. सं.राज्यऊर्जा क्षमतादेश में स्थान
1राजस्थान7737.95 मेगावाटपहले
2कर्नाटक     7469 मेगावाटदूसरे
3गुजरात5708 मेगावाटतीसरे
4तमिलनाडु4675 मेगावाटचौथे
5आंध्रप्रदेश4380 मेगावाटपांचवे

भारत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (India’s Intended Nationally Determined Contributions- INDCs) के तहत वर्ष 2022 तक 175 GW अक्षय ऊर्जा में 100 GW सौर ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रतिबद्ध है।

साथ ही, रिप्स-2019 के प्रावधानों से प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इस नीति के तहत अप्रेल 2021 में प्रदेश में हाईब्रिड ऊर्जा के क्षेत्र में 34 हजार 200 करोड़ रूपए के कस्टमाइज्ड निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से अधिकतर सौर ऊर्जा से संबंधित हैं। उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान की अनुकूल भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए प्रदेश में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का आंकलन किया गया है।

इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में राज्य सरकार प्रभावी कदम उठा रही है और इसके लिए कारगर योजना बनाई गई है। योजना के तहत 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो देश के ऊर्जा परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगा।

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