International Yoga Day 2023 I अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 थीम : आजकल की भाग दौड़ वाली जिंदगी में खुद को स्वस्थ और तनाव से मुक्त रखने के लिए योगा बहुत जरुरी है। योग करने से आप खुद को कई तरह की बीमारियों से बचा सकते हैं। स्वस्थ जीवन जीने के लिए अच्छे खान-पान के साथ योग करना बहुत भी जरूरी है।
योगा करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप हर सुबह उठकर योग जरूर करें। कोरोना महामारी में ठीक होने के बाद योगा करने से लोगों की इम्यूनिटी मजबूत हुई है। विश्व योग दिवस का लक्ष्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है।
वर्ष 2023 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्व 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्राथमिक उद्देश्य मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिए एक समग्र अभ्यास के रूप में योग के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। योग मनःसाधना, तनाव कम करने और संपूर्ण स्वास्थ्य और ऊर्जा को बढ़ाने की प्रोत्साहना करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 21 जून 2023 को 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
21 जून को ही क्यों मानते हैं योग दिवस
हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। ये दिन पूरे साल का सबसे लंबा दिन होता है। भारतीय संस्कृति के मुताबिक 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध पर सूर्य की रोशनी सबसे ज्यादा पड़ती है। जिसकी वजह से ये साल का सबसे लंबा दिन होता है। ऐसे में योग के निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम: “Yoga for Vasudhaiva Kutumbakam,” है, जो “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के लिए हमारी साझा इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम ‘मानवता के लिए योग’ है।
योग दिवस का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 2015 में हुई थी। पहला अंतराराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल पर पूरी दुनिया में लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सिंतबर 2014 को योग दिवस मनाने की पहल की थी जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में 177 देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। तब से भारत समेत पूरी दुनिया इस दिन को ‘विश्व योग दिवस‘ के रूप में मनाती है।
वर्ष 2015 में नई दिल्ली में राजपथ पर आयोजित पहले योग दिवस समारोह के दौरान दो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए थे।
- यह 35,985 लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा योग सत्र था।
- इसमें 84 राष्ट्रों के लोगों द्वारा हिस्सा लिया गया था।
योग के विषय में
- योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी।
- ‘योग’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है इसका अर्थ है- किसी व्यक्ति के शरीर एवं चेतना का मिलन या एकजुट होना।
- वर्तमान में यह दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
- क्वारंटाइन और आइसोलेशन में कोविड-19 रोगियों के मनो-सामाजिक देखभाल और पुनर्वास में योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपने सभी सदस्य देशों से योग के अभ्यास को बढ़ावा देने को कहा है और साथ ही इसे 2018-30 की शारीरिक गतिविधि हेतु अपनी वैश्विक कार्य योजना में भी शामिल किया है।
“mYoga” मोबाइल एप
प्रधानमंत्री ने एम-योग “mYoga” मोबाइल एप की घोषणा की जो ‘एक विश्व एक स्वास्थ्य’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
यह मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ साझेदारी में “mYoga” मोबाइल एप्प विकसित किया गया है।
एम-योग एप में दुनिया भर के लोगों के लिये विभिन्न भाषाओं में योग प्रशिक्षण वीडियो और ऑडियो सत्र होंगे, इस तरह यह एप दुनिया भर में योग के विस्तार में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
योग ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ का भी हिस्सा है।
फिट इंडिया मूवमेंट एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका उद्देश्य लोगों को अपने दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों और खेलों को शामिल करने के लिये प्रोत्साहित करना है।